मेरे सतगुरु ने दी थी दवाई,
सो गई पड़के लेन ना पाई।।
गुरु वचनों पे ना ध्यान लगाया,
खा पीके बस कुरड़ बदाया,
फुल गई सुनके झूठी बिडाई।।
मोह माया ने मन को घेरया,
सतगुरु नाम कदे ना टेरया,
कदे आग्यी बेटी मेरा कदे जमाई।।
सारा कुनबा आंख दिखावे,
एक दूजे को खाण ने आवे,
कैसे मिटेगी मेरे घर लड़ाई।।
भ्रम नीद से जब मैं जागी,
सोदी में मेरी काया आगी,
कर्मवीर तूफानी मैं बड़ी पछताई।।
मेरे सतगुरु ने दी थी दवाई,
सो गई पड़के लेन ना पाई।।
गायक – कर्मवीर तुफानी।
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