हो मेरे गुरू मुरारी लाल, 
जन्म लो फेर समचाणे में।।
जिस घर में तेरा घलः पालणा,
जिस घर में तेरा घलः पालणा,
ठुमक ठुमक तेरा देखुं चालणा, 
हो तेरी मन मोह जयागी शान, 
किसे के घर प आणे तं, 
हों मेरे गुरू मुरारी लाल, 
जन्म लो फेर समचाणे में।।
उस माँ का हो भाग सवाया, 
उस माँ का हो भाग सवाया, 
जिस जननी का हो तुं जाया, 
जन्म दिन मन्नै तेरा हर साल, 
आवंगे केक कटाणे ने, 
हों मेरे गुरू मुरारी लाल, 
जन्म लो फेर समचाणे में।।
हट क फेर दरबार लगाईए, 
हट क फेर दरबार लगाईए, 
तेरे भक्तां ने और के चाहिए, 
तज क मोह माया का जाल, 
आजया जोत जगाणे ने, 
हों मेरे गुरू मुरारी लाल, 
जन्म लो फेर समचाणे में।।
गुरू रामसिंह का स चैला,
गुरू रामसिंह का स चैला,
कप्तान शर्मा का मेट झमेला, 
वो त रहता गाम समाल, 
जिला रोहतक हरियाणे में,
हों मेरे गुरू मुरारी लाल, 
जन्म लो फेर समचाणे में।।
हो मेरे गुरू मुरारी लाल, 
जन्म लो फेर समचाणे में।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
 
			








 
