आया रे आया रे,
मेला मिग्सर का आया है,
छाया रे छाया रे,
रंग खुशियो का छाया है,
हो झूमो नाचो गावो,
खुशियाँ मनाओ,
पूरे एक साल के बाद,
शुभ दिन ये आया है।।
जिसका था हमको इंतजार,
जिसके लिए था दिल बेकरार,
लो सज गया फिर से दरबार,
सामने बैठे है बाबोसा सरकार,
उत्सव नही ये महोत्सव है,
सबके मन को भाया है।।
क्या खूब लगता नजारा है,
धरती पे स्वर्ग उतारा है,
भक्तो ने दिल से सँवारा है,
मिग्सर मेला बड़ा प्यारा है,
बाईसा के स्वागत में,
पलको को हमने बिछाया है।।
मंजू बाईसा की सानिध्यता,
प्रकाश भाई जी की सहजता,
मिग्सर मेले की है भव्यता,
बाबोसा स्वयं बने है प्रणेता,
आओ चले दिल्ली “दिलबर”,
बाबोसा ने बुलाया है।।
आया रे आया रे,
मेला मिग्सर का आया है,
छाया रे छाया रे,
रंग खुशियो का छाया है,
हो झूमो नाचो गावो,
खुशियाँ मनाओ,
पूरे एक साल के बाद,
शुभ दिन ये आया है।।
गायक – दिव्यांश वर्मा / रेखा राव।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
(म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर)
मो . 9820947184








