मन मस्त फकीरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत।।
हम धन्य है इस जगजननी की,
सेवा का अवसर है पाया,
इसकी माटी वायु जल से,
दुर्लभ जीवन है विकसाया,
यह पुष्प इसी के चरणो में,
माँ प्राणो से भी प्यारी है,
मन मस्त फकींरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत।।
सुन्दर सपने नव आकर्षण,
सब तोड़ चले मुख मोड़ चले,
वैभव महलों का क्या करना,
सोते सुख से आकाश तले,
साधन की ओर ना ताकेंगे,
काँटों की राह हमारी है,
मन मस्त फकींरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत।।
ऋषियों मुनियों संतो का तप,
अनमोल हमारी ख्याति है,
बलदानी वीरो की गाथा,
अपने रग रग लहराती है,
गौरवमय नव इतिहास रचे,
भारत की शक्ति अपारी है,
मन मस्त फकींरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत।।
इस समय चुनौती भीषण है,
हर देशद्रोह सीना ताने,
पथ भ्रष्ट नीतीया चलती है,
आतंकी घूमे मन माने,
जन जन में सत्व जगायेगे,
अब अपनी ही तो बारी है,
मन मस्त फकींरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत।।
मन मस्त फकीरी धारी है,
अब एक ही धुन जय जय भारत।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818








Very good
बहुत सुंदर