मैं फैन सांवरा थारो,
थे हाथ पकड़लो म्हारो,
थे हाथ पकड़लो म्हारो,
मने भव से पार उतारो।।
तू सुने जगत की दाता,
एक मेरी भी सुन लेना,
मेरी बात कभी ना बिगड़े,
इतनी सी मेहर कर देना,
में शरण पड़ा हु तेरे,
अब मारो चाहे तारो।।
थे काम सारो भग्ता को,
थारे आवे दुनियां सारी,
कीने कार दिलाओ अल्टो,
किने थार दिलाओ कारी,
मैं कुछ ना मांगू थारा से,
बस करदो मारो गुजारो।।
कोई पैदल चलकर आवे,
कोई मोटर गाड़ी लावे,
कोई लावे चढ़ावो थारे,
कोई दर पे मांगण आवे,
मैं आया थारे भिखारी,
अब जोलो भरदो मारो।।
सेठा का सेठ कहाओ,
मारा सावरियां गिरधारी,
दरबार सांवरा थारो,
मंडपिया नगरी में भारी,
‘शानू रैगर’ सवारियां,
बस नाम जपे है थारो।।
मैं फैन सांवरा थारो,
थे हाथ पकड़लो म्हारो,
थे हाथ पकड़लो म्हारो,
मने भव से पार उतारो।।
गायक – शानू रेगर सांवता।
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