मात पिता तू मै बालक हूँ सुनलो हे सतगुरू दाता

मात पिता तू मै बालक हूँ सुनलो हे सतगुरू दाता

मात पिता तू मै बालक हूँ,
सुनलो हे सतगुरू दाता,
जनम जनम तक रहे प्रभू बस,
तेरा मेरा यह नाता।।

तर्ज – क्या मिलिये ऐसे लोगो से।
(राम नाम के हिरे मोती)



तेरी कृपा से ही मुझको,

जीवन ये प्यारा मिला,
तेरे चरणो की कृपा से,
मुझको यह द्वारा मिला,
यूँ ही बरसती रहे सदा ही,
तेरी कृपा ओ दाता,
जनम जनम तक रहे प्रभू बस,
तेरा मेरा यह नाता।।



इस क्षण भँगुर जीवन में प्रभू,

काम न मै कुछ कर पाया,
दिलो जान से करूँगा भक्ति,
फिर से तन ग़र ये पाया,
ये ही तमन्ना है मन मे बस,
और नही कुछ भी दाता,
जनम जनम तक रहे प्रभू बस,
तेरा मेरा यह नाता।।



फिर भी मै मूरख अज्ञानी,

प्यार तेरा न समझ पाया,
इस झूठी दुनिया मे खुद ही,
अपने मन को उलझाया,
सुलझने की हर कोशिश की पर,
हार गया अब मै दाता,
जनम जनम तक रहे प्रभू बस,
तेरा मेरा ये नाता।।



मात पिता तू मै बालक हूँ,

सुनलो हे सतगुरू दाता,
जनम जनम तक रहे प्रभू बस,
तेरा मेरा यह नाता।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो अभी उपलब्ध नहीं।


 

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.
error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे