माँ कभी तो दरश दिखाएगी,
माफ़ कर देगी माँ गुनाह मेरे,
अपनी गोदी में माँ सुलाएगी,
माँ कभी तो दरस दिखाएगी।bd।
तर्ज – तुम मुझे यूँ भुला ना।
फिर मैं चरणों में सर झुकाऊँगा,
दिल के गम माँ को सब सुनाऊंगा,
देखकर मेरी आँखों में आंसू,
कुछ तरस तो जरूर खाएगी,
माँ कभी तो दरस दिखाएगी।bd।
आंसू आँचल से पोंछ डालेगी,
मुझको सीने से माँ लगा लेगी,
भूल जाऊंगा गम मैं दुनिया के,
अपने हाथों जो थपथपाएगी,
माँ कभी तो दरस दिखाएगी।bd।
मेरी नजरें है माँ की राहों में,
सोचे शिकवे है मेरी आहों में,
‘लख्खा’ गाएगा महिमा जब माँ की,
याद ‘कवले सरल’ की आएगी,
Bhajan Diary Lyrics,
माँ कभी तो दरस दिखाएगी।bd।
माँ कभी तो दरश दिखाएगी,
माफ़ कर देगी माँ गुनाह मेरे,
अपनी गोदी में माँ सुलाएगी,
माँ कभी तो दरस दिखाएगी।bd।
Singer – Lakhbir Singh Lakkha Ji