क्या पाया क्या छोड़ा हनुमान जी भजन लिरिक्स

क्या पाया क्या छोड़ा हनुमान जी भजन लिरिक्स
हनुमान भजन

क्या पाया क्या छोड़ा,

दोहा – हनुमान तेरी कृपा का,
भंडारा चल रहा है,
हर ओर घना अँधेरा,
मेरा दीप जल रहा है,
कोई रहा ना बेबस,
ना कोई अभागा,
तूने दिया भगत को,
किस्मतो से ज़्यादा।



सुध बुध खोई मैंने,

मन हनुमान से जोड़ा,
अब काहे मैं सोचूं,
क्या पाया क्या छोड़ा,
क्या पाया क्या छोडा।।



सूखे में सावन सा,

तू कश्ती तूफानों की,
गिनती ना हो पाए,
तेरे एहसानों की,
भक्तों ने जब भी पुकारा,
तू आया दौड़ा दौड़ा,
क्या पाया क्या छोडा।।



जो भी हनुमान को पूजे,

और चाहे सच्चे मन से,
कोसो दूर है रहता,
दुःख उसके जीवन से,
सबने दुःख में छोड़ा,
पर तूने मुख ना मोड़ा,
क्या पाया क्या छोडा।।



सुध बुध खोई मैंने,

मन हनुमान से जोड़ा,
अब काहे मैं सोचूं,
क्या पाया क्या छोडा।।

Singer – Namrata Kushwah


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