दुवरा पे आइल बा पुजारिया,
केवड़ियां खोला हे बाबा,
कीवड़ियां खोला हे बाबा।।
सावन मास मलमास रउरा दिनवा,
चम चम चमकेला रउरा अंगनवा,
जीवन के कटी दा अंधेरिया,
कीवड़ियां खोला हे बाबा।।
कालों के कल आप खुद महाकाल जी,
जटा में बिराजे गंग रुप बिकराल जी,
दर्शन के लगनिया,
कीवड़ियां खोला हे बाबा।।
बाबा विश्वनाथ यू.पी. एम.पी. महाकाल हो,
वैष्णवी भवानी जम्मू काली बंगाल हो,
लक्ष्मी हैं मुंबई नगरिया,
कीवड़ियां खोला हे बाबा।।
दिअहले संगीत हरिओम मतवाले,
दीपक कमपोजर गाना भोले के हवाले,
फेरी देता रवि पे नजरिया,
कीवड़ियां खोला हे बाबा।।
दुवरा पे आइल बा पुजारिया,
केवड़ियां खोला हे बाबा,
कीवड़ियां खोला हे बाबा।।
गायक – रवि शंकर आचार्य जी।
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