जो मैं होता सांवरे मोर तेरे खाटू का भजन लिरिक्स

जो मैं होता सांवरे मोर तेरे खाटू का भजन लिरिक्स
कन्हैया मित्तल भजनकृष्ण भजन

जो मैं होता सांवरे,
मोर तेरे खाटू का,
तुझे नाच के दिखाता,
तेरे मुकुट पे मैं सज जाता,
तुझे झूम झूम भजन सुनाता,
जो मैं होता साँवरे,
मोर तेरे खाटू का।।



जो में होता साँवरे,

लीला तेरे खाटू का,
तुझे पीठ पे बिठाता,
अपना शहर तुझे दिखाता,
तुझे अपने मैं घर ले जाता,
जो में होता साँवरे,
लीला तेरे खाटू का।।



जो मैं होती साँवरे,

मोरछड़ी खाटू की,
तेरे हाथों में आ जाती,
तेरे मंड में रह जाती,
भक्तों का बेड़ा पार लगाती,
जो मैं होती साँवरे,
मोरछड़ी खाटू की।।



जो मैं होता साँवरे,

इत्र तेरे खाटू का,
तेरी माला पे गिर जाता,
तेरी ठोड़ी पर लग जाता,
या मैं भक्तों के साथ चला जाता,
जो मैं होता साँवरे,
इत्र तेरे खाटू का।।



जो मैं होती साँवरे,

चिट्ठी तेरे खाटू की,
सबके घर में में चल जाती,
सबको तेरी याद दिलाती,
सबको तेरा संदेशा पहुंचाती,
जो मैं होती साँवरे,
चिट्ठी तेरे खाटू की।।



जो मैं होता साँवरे,

फूल तेरे खाटू का,
तेरी बगिया में लग जाता,
तुझको सुंदर श्याम सजाता,
तेरे चरणों में बिछ जाता,
जो मैं होता साँवरे,
फूल तेरे खाटू का।।



जो मैं होता सांवरे,

मोर तेरे खाटू का,
तुझे नाच के दिखाता,
तेरे मुकुट पे मैं सज जाता,
तुझे झूम झूम भजन सुनाता,
जो मैं होता साँवरे,
मोर तेरे खाटू का।।

Singer & Lyrics – Kanhiya Mittal Ji


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