जो माँ पार्वती को पसंद होता है,
दोहा – बाबा बाबा सब कहे,
मैया कहे ना कोई,
मेरे बाबा के दरबार में,
मैया कहे सो होय।
भोले बाबा के दरबार में,
शिव शंकर के दरबार में,
वही होता है,
जो माँ पार्वती को पसंद होता है,
जो माँ अंबे गौरी को पसंद होता है,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय।।
शिव शंकर रहते धूनी रमाय,
हरदम जग कल्याण में,
मैया सबकी बातों को,
रखती उनके ध्यान में,
मैया सब की हाजरी,
लगाती दरबार में,
भोलेनाथ को मनाती हर बात में,
मैया मन की पढ़ लेती,
मनचाहा है वर देती,
भोले का भी उसमें आशीर्वाद होता है,
जो मां पार्वती को पसंद होता हैं,
जो मां अंबे गौरी को पसंद होता हैं,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय।।
महादेव की सेवा में माँ,
करती एक दिन रात है,
पार्वती के हृदय शिव,
शिव हृदय में मात है,
अर्धनारीश्वर रूप में,
सृष्टि का कल्याण है,
शिव शिवा ही इस जग में,
सत्य गुणों की खान है,
सबसे पहले पाता है,
जो मैया से कहता है,
बाबा का उसके सर पर ही हाथ होता है,
जो मां पार्वती को पसंद होता हैं,
जो मां अंबे गौरी को पसंद होता हैं,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय।।
भोले बाबा के दरबार में,
शिव शंकर के दरबार में,
वही होता है,
जो मां पार्वती को पसंद होता है,
जो मां अंबे गौरी को पसंद होता है,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय,
तो बोलो ओम नमः शिवाय,
मेरी मैया पार लगाय।।
Singer – Rajani Mundhra
9831869695