दुर्गा माँ भजनफिल्मी तर्ज भजन

जिस घर में मैया का सुमिरन होता भजन लिरिक्स

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जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता,
माँ का पावन नाम बड़ा,
मन भावन होता,
जिस घर में मईया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।।

तर्ज – झिलमिल सितारों का।



जिसको माँ की दया मिले,

उसकी तो चांदी चांदी है,
अपने भक्त के घर में माँ ने,
सुख की झड़ी लगा दी है,
ख़ुशियों से भर पूर आंगन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।।



जोत नूरानी मैय्या की,

सारे ही कष्ट मिटाती है,
ममता की शीतल छैया में,
मन बगिया खिल जाती है,
मोर बनके नाच रहा तन मन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।।



सारे जग को पालती ये,

अम्बे मात भवानी है,
आठों पहर चरण सेवा में,
रहता ये ‘चोखानी’ है,
बड़ भागी वो जिसे दर्शन होता,
Bhajan Diary,

उस घर में हर पल,
आनंद होता।।



जिस घर में मैया का,

सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता,
माँ का पावन नाम बड़ा,
मन भावन होता,
जिस घर में मईया का,
सुमिरन होता,
उस घर में हर पल,
आनंद होता।।

Singer – Upasana Mehta


Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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