जेकर नाथ भोलेनाथ,
उ अनाथ कैसे होई।
दोहा – जे शिव के भक्त होई,
ओहके दुख सितम ना सताई,
भोला तक दिहें ता,
सुखल गाछ हरियर हो जाई,
भक्तन के अपना भोला,
रक्षा करेले हरदम,
जेकर सर्धा होइ साँच उहे,
शिव जी के पाई।
ॐ से इ ब्योम बनल,
सत्य बनल शिवशंकर से,
सारा दुःखवा दूर हो जाला,
बोलबम के मंतर से।
जेकर नाथ भोलेनाथ,
उ अनाथ कैसे होई,
अनाथ कैसे होई,
उ अनाथ कैसे होई,
भोला चाह लिहे,
भोला चाह लिहे,
दिन का रात कैसे होई,
जेकर नाथ भोले नाथ,
उ अनाथ कैसे होई।।
काल के असर भी,
अकाल हो न पाई,
बाबा के महिमा अपन,
असर दिखाई,
असर दिखाई अपन,
असर दिखाई,
भोला साथ दिहें,
भोला साथ दिहें,
जब त कउनो,
घात कैसे होई,
जेकर नाथ भोले नाथ,
उ अनाथ कैसे होई।।
श्रद्धा के बात बा,
सरध गर्ज होई,
शिव के भगत ना,
लाचार हो के रोई,
दुःख में ना रोई,
कबो दुःख में ना रोई,
बिनय जिनगी के खेल में,
बिनय जिनगी के खेल में,
उमात कैसे होई,
जेकर नाथ भोले नाथ,
उ अनाथ कैसे होई।।
जेकर नाथ भोले नाथ,
उ अनाथ कैसे होई,
अनाथ कैसे होई,
उ अनाथ कैसे होई,
भोला चाह लिहे,
भोला चाह लिहे,
दिन का रात कैसे होई,
जेकर नाथ भोले नाथ,
उ अनाथ कैसे होई।।
गायिका – कल्पना।
प्रेषक – अभिषेक कुमार।
7390097031