जसोल नगरी स्वर्गा सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी,
चरण शरण लिजो माजीसा,
तारों तारों भटियाणी।।
तर्ज – नगरी नगरी।
जोगीदा सु आयो दमामी,
दर्शन री मन में आई,
दुःखी होय शुभराज कियो है,
स्वर्गा पधारिया भटियाणी,
जसोल नगरी स्वर्गां सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी।।
चरण कमल में राखो माजी,
नाम लिया दुखाड़ो जासी,
कर सोला सिणगार पधारिया,
खम्मा खम्मा भटियाणी,
जसोल नगरी स्वर्गां सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी।।
घनो भटकियो अब सुख आयो,
आप सुणी मोतियावाली,
दिन दुखिया रो एक ही सहारो,
मोटी आस है भटियाणी,
जसोल नगरी स्वर्गां सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी।।
मेहर करो मां आगणे पधारो,
छोटी सी हैं एक ढाणी,
लाल बना और सवाई सिंह जी,
संग में लाजो भटियाणी,
जसोल नगरी स्वर्गां सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी।।
हेलो सुणजो देर मत करजो,
अर्जी सेवक आईदान री,
अशोक पंडित गाय सुणावे,
माफी बगसाओ भटियाणी,
जसोल नगरी स्वर्गां सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी।।
जसोल नगरी स्वर्गा सु प्यारी,
आप विराजो भटियाणी,
चरण शरण लिजो माजीसा,
तारों तारों भटियाणी।।
लेखक / अशोक – पंडित फीच।
9166382292