इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं भजन लिरिक्स

इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं,
उन्ही से पूछो कहाँ से लेकर आते हैं।

तर्ज – दूल्हे का सेहरा सुहाना।

दोहा – शहनाईयों की सदा कह रही है,
खुशी की मुबारक घड़ी आ गयी है,
सजे सुर्ख बागे में चाँद से बाबा,
ज़मी पे फलक से इक छवि आ गयी है।



इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं,

उन्ही से पूछो कहाँ से लेकर आते हैं,
पता लगाया हमने इनके बारे में,
पता लगाया हमने इनके बारे में,
पता चला है अक्सर खाटू जाते हैं,
इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं।।



श्याम हो जब साथ तो चिंता भला कैसी,

काम सारे हो रहे इसकी दया ऐसी,
हो गयी पूरी तमन्ना चाहा था जैसा,
मिल गया हमको ठिकाना दुनिया में वैसा,
किसी के आगे हाथ नही फैलाते हैं,
किसी के आगे हाथ नही फैलाते हैं,
पड़े ज़रूरत सीधे खाटू जाते हैं,
इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं।।



देखा इसने हाल जब इस नये ज़माने का,

पड़ गया चस्का इसे भी सेठ बनाने का,
आज़माना है अगर तुम आज़मा लेना,
खाटू जाके ये करिश्मा देख भी लेना,
निर्धन से भी निर्धन खाटू जाते हैं,
निर्धन से भी निर्धन खाटू जाते हैं,
अगले ही दिन सेठ नज़र वो आते हैं
इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं।।



है इरादा गर तेरा भी मौज उड़ाने का,

स्नेही तू भी नियम बना ले खाटू जाने का,
खाटू आने जाने से किस्मत संवर जाती,
श्याम अच्छी ख़ासी पहचान हो जाती,
रोज़ रोज़ जो श्याम से मिलने जाते हैं,
रोज़ रोज़ जो श्याम से मिलने जाते हैं,
साँवरिया की आँखों में बस जाते हैं,
इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं।।



इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं,

उन्ही से पूछो कहाँ से लेकर आते हैं,
पता लगाया हमने इनके बारे में,
पता लगाया हमने इनके बारे में,
पता चला है अक्सर खाटू जाते हैं,
इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं।।

Singer – Pramod Tripathi


इस भजन को शेयर करे:

अन्य भजन भी देखें

श्याम खता क्या मेरी है संजय मित्तल भजन लिरिक्स

श्याम खता क्या मेरी है संजय मित्तल भजन लिरिक्स

श्याम खता क्या मेरी है, श्याम खता क्या मेरी है, खाटु वाले श्याम हमारे, क्यों रूठे हो आप, खता क्या मेरी है।। तर्ज – हनुमान भरोसा तेरा है। अपने भक्तो…

झूला राधे को कान्हा झुलाये भजन लिरिक्स

झूला राधे को कान्हा झुलाये भजन लिरिक्स

डोर कदम्ब की डार बंधवा के, झूला राधे को कान्हा झुलाये, डोर कदम्ब की डार बंधवा के, झूला राधे को कान्हा झुलाए।। तर्ज – मनिहारी का भेष। नाचे मन मयूरा…

ये गोटेदार चुनरी आजा माँ ओढ़ के भजन लिरिक्स

ये गोटेदार चुनरी आजा माँ ओढ़ के भजन लिरिक्स

ये गोटेदार चुनरी आजा माँ ओढ़ के, मेरे घर आजा माँ तू मंदिर को छोड़ के।। तर्ज – ये गोटेदार लहंगा। राम भी आए मैया लक्ष्मण भी आए है, सीता…

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 thoughts on “इतने सेठ जहाँ में मौज उड़ाते हैं भजन लिरिक्स”

Leave a Comment

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे