हरिया जंगल की झाड़ियां में,
मोटा मंगरा की पहाड़ियां में,
माने भालो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
श्याम वर्ण मूर्ति मन हरनि,
सज्यो आप सिंगार,
छत्र मुकुट सोना का सोवे,
भालो डाल कटार,
नौसर हार गला में सोवे,
भगवत भगता का मन मोहे,
माने भालो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
चारभुजा और रूप कंवर की,
जग में भारी जोड़,
राजसमंद जिला के माई,
ठाकुर थारी ठोड़,
झांकी सियाराम की प्यारी,
लक्ष्मण झूला की बलिहारी,
माने प्यारो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
फागा माई फाग रमो प्रभु,
निज भक्ता के संग,
चौक चुत्ररा खूब बड्या,
बरस रयो है रंग,
संग में सुर सती मतवाला,
छिड़कत रंग अबीर गुलाला,
माने प्यारो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
अगवानी हनुमान रोकडिया,
काम करे रोकड़ को,
टेंमु टेम पर घंटी बाजे,
भारी तोंप को भड़को,
भगत सब घूम रीया मस्ती में,
गुर्जर पंडा की बस्ती में,
माने प्यारो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
चारभुजा की चरण शरण,
गुरु चेतन शीश नवाया,
केव ओकारा छेल छोगाला,
राखो छत्र छाया,
भगवत भक्ति को वर दीजो,
माने चरणों में रख लीजो,
माने प्यारो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
हरिया जंगल की झाड़ियां में,
मोटा मंगरा की पहाड़ियां में,
माने भालो घणो लागे वो,
गढ़बोर धनी को श्याम।।
गायक – जगदीश जी वैष्णव।
प्रेषक – गोविन्द सिंह भाटी।
7742701212