हमें रास्तो की जरूरत नहीं है,
हमें तेरे पैरों के निशान मिल गये है।।
तर्ज – सागर किनारे।
तुम ही तो हो शिव ब्रम्हा का संगम,
सब कुछ तुम्हारा सब तुमको अर्पण,
अब तेरा मैं तो मुझमे ही तू है,
हमे रास्तों की जरुरत नही है,
हमें तेरे पैरों के निशान मिल गये है।।
छाए जो दिल में गम का अँधेरा,
तन्हाईयों ने जो मन मेरा घेरा,
खिलता सवेरा लेकर तू रुबरू है,
हमे रास्तों की जरुरत नही है,
हमें तेरे पैरों के निशान मिल गये है।।
कलियों में तू है फूलो में तू है,
सागर की एक एक लहर में भी तू है,
कही भी मैं जाऊ प्यारे बस तू ही तू है,
हमे रास्तों की जरुरत नही है,
हमें तेरे पैरों के निशान मिल गये है।।
हमें रास्तो की जरूरत नहीं है,
हमें तेरे पैरों के निशान मिल गये है।।
Singer – Mukul Dwivedi Ji