है गुलशन में तू है बहारो में तू श्री श्याम भजन लिरिक्स

है गुलशन में तू है बहारो में तू श्री श्याम भजन लिरिक्स
कृष्ण भजनफिल्मी तर्ज भजनमुकेश बागड़ा भजन

है गुलशन में तू है बहारो में तू,
बहारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।

तर्ज – दीवाने है दीवानो को ना घर।



है पर्वत पे धरती पे आकाश में,

आकाश में,
तू हर दिल की धड़कन में,
हर साँस में, हर साँस में,
है नज़रो में हर नजारों में तू,
नजारों में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।



है भजनो में गजलो में,

हर गीत में, तू हर गीत में,
तू हारे का साथी है हर जीत में,
तू हर जीत में,
है भक्तो के प्यारे जयकारो में तू,
जयकारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।



नगीने में नग में,

तेरा नूर है, तेरा नूर है,
तू कण कण में रहता है,
नही दूर है नही दूर है,
है हीरे में मोती में,
हारो में तू हारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।



जहाँ ज्योत जलती वही श्याम है,

वही श्याम है,
भक्तो के दिल में तेरा धाम है,
तेरा धाम है,
है ‘भोली’ कहे एक हज़ारो में तू,
हज़ारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।



है गुलशन में तू है बहारो में तू,

बहारो में तू,
मेरे श्याम चाँद और सितारो में तू,
सितारो में तू।।

Singer : Mukesh Bagda


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