ग्यारस के दिन इन आँखों से उड़ गई निंदिया रानी लिरिक्स

ग्यारस के दिन इन आँखों से उड़ गई निंदिया रानी भजन लिरिक्स
एकादशी भजनकृष्ण भजनफिल्मी तर्ज भजन

ग्यारस के दिन इन आँखों से,
उड़ गई निंदिया रानी,
बारस के दिन सुबह सुबह,
मेरी आँख से टपका पानी,
बाबा तेरी याद आ गई,
बाबा तेरी याद आ गई।।

तर्ज – माई नी माई मुंडेर पे।



खाटु माहि डट कर बैठा,

मोर छड़ी ले प्यारी,
इन आँखों के आगे घूमे,
बाबा छवि तुम्हारी,
तेरी याद में खाटु वाले,
तेरी याद में खाटु वाले,
सारी रात ना सोया,
कैसे आऊँ पास तुम्हारे,
फुट फुट कर रोया,
बाबा तेरी याद आ गई,
बाबा तेरी याद आ गई।।



मंदिर में दो भजन सुनाना,

तेरे दर्शन करना,
तेरे गाँव के भक्तों के संग,
कई दिनों तक रहना,
चाहे जितनी कोशिश कर लूँ,
चाहे जितनी कोशिश कर लूँ,
तुमको भूल ना पाऊँ,
सारे दुखड़े सह लेता हूँ,
ये दुःख सह ना पाऊँ,
बाबा तेरी याद आ गई,
बाबा तेरी याद आ गई।।



अब तो दिल में आस यही है,

हो दीदार तुम्हारा,
सपना पूरा हो जाए बस,
ये अरमान हमारा,
जितनी जल्दी हो जाए बाबा,
जितनी जल्दी हो जाए बाबा,
खाटु मुझे बुलाले,
दर्शन देकर इस बेटे को,
अपने गले लगा ले,
बाबा तेरी याद आ गई,
बाबा तेरी याद आ गई।।



ग्यारस के दिन इन आँखों से,

उड़ गई निंदिया रानी,
बारस के दिन सुबह सुबह,
मेरी आँख से टपका पानी,
बाबा तेरी याद आ गई,
बाबा तेरी याद आ गई।।



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