गुरु गोरख जी अपणे भगत की,
ले ले राम राम,
आगया हो बाबा,
देखण मैं तेरा धाम।।
तेरे दर्शन की लाग्गी,
करडी़ भूख मनै,
आच्छे भी ना लाग्गे,
कयीं दिन टूक मनै,
तेरे आंगण के रूख मनै,
देखकै मिल्या आराम,
आगया हो बाबा,
देखण मैं तेरा धाम।।
तेरी शरण म आया,
दर्शन पाया हो,
तनै देखकै आनन्द,
होगी काया हो,
जिसा सुणया था,
उसा ए पाया,
कितनी सुंदर श्यान,
आगया हो बाबा,
देखण मैं तेरा धाम।।
कुणबा बोल्या,
कती बावला हो रया तू,
बाब्यां पाच्छै,
टेम आपणा खोरया क्यूं,
खामेखां जंग झोरया क्यूं,
करले घर का काम,
आगया हो बाबा,
देखण मैं तेरा धाम।।
विजय नाथ न अपणे,
गले ला लिए हो,
लेकै गजेन्द्र कुड़लण,
चाल्लै चालीए हो,
मारकै गेडा़ आलीए हो,
तेरे के लाग्गैं सैं दाम,
आगया हो बाबा,
देखण मैं तेरा धाम।।
गुरु गोरख जी अपणे भगत की,
ले ले राम राम,
आगया हो बाबा,
देखण मैं तेरा धाम।।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
9034283904