गाफिल क्यों नींद में सोग्यो झट जाग उजालों होग्यो लिरिक्स

गाफिल क्यों नींद में सोग्यो झट जाग उजालों होग्यो लिरिक्स
राजस्थानी भजन

गाफिल क्यों नींद में सोग्यो,

दोहा – ढोल बजाय बजाय कहे,
सब संत जगावत देवत हेला,
सोई रहा नर गाफिल होकर,
रहे दिन चार यहां सब खेला।
जो बिछड़े एक बार मिले नहीं,
कोटी हजार युगो जन्मेला,
जाग कहे गुरु चेतन भारती,
भारती पूर्ण मानहु चेला।



गाफिल क्यों नींद में सोग्यो,

झट जाग उजालों होग्यो।।



अज्ञान नींद में सोता,

खाया लक चौरासी गोता,
थन बहुत जन्म दुख भोग्यों,
झट जाग उजालों होग्यो,
गाफिल क्यो नींद में सोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो।।



क्यो सारा संत जगावे,

सत्संग में ढोल बजावे,
नहीं आके आलसी सोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो,
गाफिल क्यो नींद में सोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो।।



नर जन्म कर्म शुभ खेती,

कोटी जन्म सुख देती,
क्यों बीज पाप का बोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो,
गाफिल क्यो नींद में सोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो।।



चेतन भारती गुरु जगाई,

भारती पूरण की नींद उड़ाई,
जब काम में मोती बोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो,
गाफिल क्यो नींद में सोग्यो,
झट जाग उजालों होग्यो।।



गाफिल क्यो नींद में सोग्यो,

झट जाग उजालों होग्यो।।

गायक – पूरण भारती जी महाराज।
प्रेषक – मदन मेवाड़ी।
8824030646


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे