ढूंढ्यो सारो मैं संसार थासो दूजो ना सरकार भजन लिरिक्स

ढूंढ्यो सारो मैं संसार,
थासो दूजो ना सरकार,
सै की बिगड़ी बनाओ,
थे ऐसा कारीगर,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थासो दूजो ना सरकार।।

तर्ज – लेके पहला पहला।



समझ में आवे कोनी,

माया संसार की,
प्यार में पड़ोसया बोले,
बातां व्यापार की,
सांचो थारो दरबार,
जग ते न्यारो थारो प्यार,
पल में रोता हँसाओ,
थे ऐसा जादूगर,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थासो दूजो ना सरकार।।



रीत जहाँ की ऐसी,

रोता ने रुलावे,
बणे सवा शेर ये तो,
हारया ने हरावे,
जग से आवे कोई हार,
बाबा थारे दरबार,
हारी बाजी जिताओ,
थे ऐसा बाजीगर,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थासो दूजो ना सरकार।।



उलझ्यो है जीव म्हारो,

माया के जाल में,
थासे कुछ ना छानो बाबा,
बोलूं काई हाल मैं,
‘निर्मल’ ने थारी दरकार,
बाबा थारो ही आधार,
पत राखो थे म्हारी,
बड़ी नाजुक या डगर,
Bhajan Diary Lyrics,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थासो दूजो ना सरकार।।



ढूंढ्यो सारो मैं संसार,

थासो दूजो ना सरकार,
सै की बिगड़ी बनाओ,
थे ऐसा कारीगर,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थासो दूजो ना सरकार।।

Singer – Vivek Sharma


इस भजन को शेयर करे:

अन्य भजन भी देखें

आये है मुरारी खाटू की रेत में गुण बड़े भारी खाटू की रेत में लिरिक्स

आये है मुरारी खाटू की रेत में गुण बड़े भारी खाटू की रेत में लिरिक्स

आये है मुरारी खाटू की रेत में, गुण बड़े भारी खाटू की रेत में।। श्याम की महिमा भारी, जानती दुनिया सारी, कृष्ण से वर पाकर के बना, कलयुग अवतारी, पूजते…

थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार सुणियो जी म्हारा लखदातार

थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार सुणियो जी म्हारा लखदातार

थारी कांई छः मनस्या, कांई छः विचार, सुणियो जी म्हारा लखदातार।। हार गयो जी मैं तो विनती कर क, पड़ी नहीं काना भणकार, सुणियो जी म्हारा लखदातार।। म्हे दुखिया ना…

मनमोहन जिस दिन से तुमने ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया

मनमोहन जिस दिन से तुमने ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया

मनमोहन जिस दिन से तुमने, ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया, हमने भी परदेसी लोगों से, प्रीत लगाना छोड़ दिया, मनमोहन जिस दिन से तुमनें, ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया।। तर्ज…

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

Leave a Comment

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे