धोरा री धरती में बाबा,
रामदेव जी रो धाम,
स्वर्ग सरिको लागे म्हाने,
रूनीचो भल धाम हा,
अरे मरूधर री धरती में आया,
हरि विष्णु रा अवतार,
अलख धणी रा परचा भारी,
लीला अपरम्पार हा।।
अजमलजी रा भाग जगाया,
आप लियो अवतार,
कुंकुम रा तो पगल्या मंडाया,
आया पालनहार हा,
माता मैणादे अचरज लाया,
उपनतो दूध ढबाय,
तंवर वंश तपधारी,
बाबा उंडू काश्मीर माय हा।।
पोकरण में भेरू मारियो,
लियो रूनीचो बसाय,
लीले चढ़ने आवे बापजी,
करे भगत री सहाय हा,
पुंगलगढ़ रा पडियारो ने,
बतायो चमत्कार,
रतना राईका ने परचो दीनो,
लियो कैद सु छुडाय हा।।
लक्ष्मी रूप नेतलदे संग में,
बाबो ब्याव रचाय,
नेतलदे री पकड़ आंगली,
दीनी पगो चलाय हा,
सुगना बाई रो पूत जिवायो,
दीयो कष्ट मिटाय,
पीरो ने धणी परचो दीनो,
पीरो रा पीर केवाय हा।।
हरजी भाटी रानी रुपादे,
लिखमीदासजी महाराज,
धिन हो बाबा रामदेव जी,
धिन हो भगत महान हा,
भादरवा री बीज चांदनी ने,
दर्शन आवे नर नार,
धोली धोली ध्वजा फरूके,
भगत करे जयकार हा।।
घणी दूर सु आस ले आया,
पूरो मन री आस,
भगत खड़ा दरबार आपरे,
सुण लिजो अरदास हा,
*रायपुर सु मनीष सीरवी*,
धरे आपरो ध्योन,
*जोगाराम प्रजापत* गावे,
करे धणी रो बखोन हा।।
धोरा री धरती में बाबा,
रामदेव जी रो धाम,
स्वर्ग सरिको लागे म्हाने,
रूनीचो भल धाम हा,
अरे मरूधर री धरती में आया,
हरि विष्णु रा अवतार,
अलख धणी रा परचा भारी,
लीला अपरम्पार हा।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत।
हाथीतला बाड़मेर।
लेखक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।
9640557818