धोरा में बनीयो धाम मन भावन,
भक्तों रे मन भावे,
रूनीचो धाम भलो कहलावे अरे हा।।
अजमलजी रे घर में अवतारी,
रामापीर कहावे जगत में,
सबरा कष्ट मिटावे अरे हा।।
भैरव मारन जग में आयो,
नाथ द्वरीका वालो बापजी,
भगता रो रखवालो अरे हा।।
अरे केसरीयो बागो हद सोवे,
लीले री असवारी बापजी,
निकलंक नेजा धारी अरे हा।।
अरे लोग दूर सु दर्शन आवे,
मनसा यहाँ फल पावे,
देवरे सादर शिश निवावे अरे हा।।
बाबा रो दरबार बडो है,
आवे दुनिया सारी देवरे,
भीड़ पडे भगतारी अरे हा।।
अरे दास अशोक जगत सु गावे,
सुनलो अरजी मारी बापजी,
आयो शरन तिहारी अरे हा।।
धोरा में बनीयो धाम मन भावन,
भक्तों रे मन भावे,
रूनीचो धाम भलो कहलावे अरे हा।।
गायक – मोईनुद्दीन जी मनचला।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818








