विविध भजन

दर दर भटक रहा हूँ तेरी दोस्ती के पीछे भजन लिरिक्स

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दर दर भटक रहा हूँ,
तेरी दोस्ती के पीछे,
क्या सजा मिली है मुझको,
क्या सजा मिली है मुझको,
तेरी दोस्ती के पीछे,
दर दर भटक रहा हूं,
तेरी दोस्ती के पीछे।।



मैं गरीब हूँ तो क्या है,

दिनों के नाथ तुम हो,
होंठो पे है उदासी,
होंठो पे है उदासी,
तेरी दोस्ती के पीछे,
दर दर भटक रहा हूं,
तेरी दोस्ती के पीछे।।



हे द्वारिका के वासी,

अँखियाँ दरस की प्यासी,
दिखला झलक जरा सी,
दिखला झलक जरा सी,
मेरी दोस्ती के पीछे,
दर दर भटक रहा हूं,
तेरी दोस्ती के पीछे।।



बचपन का यार तेरा,

आया तेरी गली में,
दर दर भटक के आया,
दर दर भटक के आया,
तेरी दोस्ती के पीछे,
दर दर भटक रहा हूं,
तेरी दोस्ती के पीछे।।



तुम हो पतित पावन,

अधमों का मैं हूँ स्वामी,
अब तो दरश करा जा,
अब तो दरश करा जा,
तेरी दोस्ती के पीछे,
दर दर भटक रहा हूं,
तेरी दोस्ती के पीछे।।



दर दर भटक रहा हूँ,

तेरी दोस्ती के पीछे,
क्या सजा मिली है मुझको,
क्या सजा मिली है मुझको,
तेरी दोस्ती के पीछे,
दर दर भटक रहा हूं,
तेरी दोस्ती के पीछे।।

स्वर – विकास गौतम जी महाराज।


Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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