चौदस की है रात,
करणी माँ आज थाने आणो है,
म्हाने दर्श दिखानो है,
चौदस की हैं रात।।
धोरां धरती में,
है देवरो बनीयो,
आवे है नित जातरी,
धोक चरना मे,
ये आपने केवे,
हिवडा री बातडी,
ओ दुखडा मेटनहार,
दुखडा मेटनहार,
साचो नाम मैया थारो है,
म्हाने दर्श दिखानो है,
चौदस की हैं रात।।
रूप शक्ति रो,
त्रिशूल हाथा मे,
सोवे है सिर लोवनी,
कंबाला रे माय,
आसन तिहारो है,
मूरत लागे मोवनी,
ओ किनीयानी दातार,
किनीयानी दातार,
मोटो आपरो ठिकानो है,
म्हाने दर्श दिखानो है,
चौदस की हैं रात।।
दिन दुखीयारा,
थे कष्ट मेटो माँ,
है परचा आपरा,
भीड़ भगता री,
थारे घणी लागे,
चौदस की रात रा,
ओ सुतो म्हारो भाग,
सुतो म्हारो भाग,
करनी आपने जगानो है,
म्हाने दर्श दिखानो है,
चौदस की हैं रात।।
कष्ट हर लिजो,
माँ लाज रख लिजो,
अरज आ दास री,
किरपा कर दीजो,
सेवक ने दे दीजो,
चरना री चाकरी,
आज चरना मे,
आज चरना मे,
अशोक द्वार थारे आयो है,
म्हाने दर्श दिखानो है,
चौदस की हैं रात।।
चौदस की है रात,
करणी माँ आज थाने आणो है,
म्हाने दर्श दिखानो है,
चौदस की हैं रात।।
गायक – मोईनुद्दीन जी कीर्ति जोशी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818
https://youtu.be/wUdxHrNj6M8
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