सुबहो की किरणों में तू ही माई रे मातृ दिवस गीत
सुबहो की किरणों में, दिन भर की धूपों में, शाम में तू ही माई रे, रातों की नींदों में, आँखों...
Read moreDetailsसुबहो की किरणों में, दिन भर की धूपों में, शाम में तू ही माई रे, रातों की नींदों में, आँखों...
Read moreDetailsभक्त बनता हूँ मगर, अधमों का हूँ सरताज भी, देखकर पाखंड मेरा, हंस पड़े ब्रजराज भी।। कौन मुझसे बढकर पापी,...
Read moreDetailsजीवन खतम हुआ तो, जीने का ढंग आया, जब शम्मा बुझ गयी तो, महफ़िल में रंग आया, जीवन ख़त्म हुआ...
Read moreDetailsप्रभु नाम में क्या बंदिश, दिन रात लीजिए, ताली बजा बजा कर, ताली बजा बजा कर, शुरुआत कीजिये, प्रभु नाम...
Read moreDetailsप्रभु को गर भूलोगे बन्दे, बाद बहुत पछताओगे, पैसे से भोजन लाओगे, भूख कहा से लाओगे, पैसे से भोजन लाओगे,...
Read moreDetailsसुणो म्हारी मावड़ी, जनक जी री डावड़ी, सब जीवड़ां रो दुःख दूर कर दे, म्हां री थोड़ी सी आ अरज,...
Read moreDetailsचलो मन वृन्दावन की ओर, प्रेम का रस जहाँ छलके है, कृष्णा नाम से भोर, चलो मन वृंदावन की ओर।।...
Read moreDetailsजो प्रेम गली में आए नहीं, प्रियतम का ठिकाना क्या जाने, जिसने कभी प्रेम किया ही नहीं, वो प्रेम निभाना...
Read moreDetailsबीती जाए रे उमरिया, भजन बिना, हरि भजन बिना, प्रभु भजन बिना, बीती जाये रे उमरिया, भजन बिना।। बालापन खेलन...
Read moreDetailsवैदिक धर्म समर्पित आर्य कैसे होते हैं, लेखराम श्रद्धानन्द गुरुदत्त जैसे होते हैं।। तर्ज़ - नील गगन पर उड़ते बादल।...
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