बही कैसे गंगा लहर धीरे धीरे भजन लिरिक्स
बही कैसे गंगा लहर धीरे धीरे, बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।। तर्ज - चली जा रही है उमर धीरे।...
Read moreDetailsबही कैसे गंगा लहर धीरे धीरे, बहीं कैसे गंगा लहर धीरे धीरे।। तर्ज - चली जा रही है उमर धीरे।...
Read moreDetailsभजनों की इस फुलवारी के, शिव श्याम बहादुर माली है, भक्ति की खुशबू से महके, हर पत्ता डाली डाली है,...
Read moreDetailsघर की जरूरतों ने, मुसाफिर बना दिया।। दोहा - रस्ते भर रो रो कर पूछा, हमसे पांव के छालों ने,...
Read moreDetailsकरो हरि का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती है।। तर्ज - दशा मुझे दीन की। पूरब शुभ कर्म कर आया,...
Read moreDetailsमेरे निताई चाँद, दीन जनों के प्यारे, दीन जनों के, पतित जनों के, अधम जनों के प्यारे, पतित जनों के,...
Read moreDetailsसबकी बिगड़ी बनाते है, अपनी किरपा लुटाते है, जो भी जाता है, बाबा बागेश्वर के धाम, काम सबका बनाते है।।...
Read moreDetailsबागेश्वर धाम पे आके, मनवांछित फल मिलते है, दुःख के कांटे सब मिट जाते, सुख के फूल खिलते है, बागेश्वर...
Read moreDetailsबागेश्वर पावन धाम, जपलो बालाजी का नाम, संकट कटे उस धाम पे, बालाजी के उस धाम पे।। रोग शोक तुझे...
Read moreDetailsतेरा मेरा करता क्या बावरिया, तेरा मेरा मेरा तेरा, करता क्या बावरिया, यह सब है ईश्वर की माया, क्या मेरा...
Read moreDetailsवैशाख महीने की, तो बात निराली है, प्रभु अदभुत रूप लिये, लीला दिखलाई है।। तर्ज - एक प्यार का नगमा।...
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