रटले मनवा सांझ सवेरे एक माला हरि नाम की लिरिक्स
रटले मनवा सांझ सवेरे, सवैया - गंग तरंग प्रवाह भयो, तब कूप को नीर पियो न पियो, जिनके हृदय रघुनाथ...
Read moreDetailsरटले मनवा सांझ सवेरे, सवैया - गंग तरंग प्रवाह भयो, तब कूप को नीर पियो न पियो, जिनके हृदय रघुनाथ...
Read moreDetailsराम रतन धन कमाया ना तूने, तो माया के धन में क्या रखा है, माया के धन में क्या रखा...
Read moreDetailsराम नाम रस पी ले प्यारे, प्यास तेरी मिट जाएगी, राम सियाराम, सियाराम जय जय राम, राम सियाराम, सियाराम जय...
Read moreDetailsतेरी रक्षा करेंगे श्री राम, हे मन तुम धीर धरो, प्रभु चरणों में ले लो विश्राम, प्रभु चरणों में ले...
Read moreDetailsउद्धार करो भगवान, तुम्हरी शरण पड़े। चौपाई - सियाराम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी। जपहि नाम...
Read moreDetailsजाने वो कौन सी घड़ी थी, दोहा - दशरथ नंदन राम, वन को जावत है, इक्ष्वाकु वंश कहावत, पितु का...
Read moreDetailsना पैसा लगता है, ना खर्चा लगता है, सियाराम बोलो तुम, बड़ा अच्छा लगता है।। ना दौलत काम आयेगी, ना...
Read moreDetailsराघव ललन तेरे कोमल चरण, कहीं कंकरिया गढ़ी नहीं जाय।। नवरा जीव चरण अरुणाय, खेलन बिनु पग परे अकुलाय, नीरज...
Read moreDetailsराम सृष्टा भी है और सृष्टि भी है, राम दृष्टा भी है और दृष्टि भी है।। देखे - राम दरबार...
Read moreDetailsराम से पावन राम से प्यारा, कोई नहीं देखा जग सारा, हर विनती का फल रघुराई, हर बाधा का हल...
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