आवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला राजस्थानी गुरुदेव भजन
आवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला, श्लोक - गुरु गोविंद दोई खड़े, किसके लागू पाय। बलिहारी गुरु देव ने, जो गोविन्द...
Read moreDetailsआवणो पड़ेला कारज सारणों पड़ेला, श्लोक - गुरु गोविंद दोई खड़े, किसके लागू पाय। बलिहारी गुरु देव ने, जो गोविन्द...
Read moreDetailsभक्ति रो बाग़ लगावो, मोती निपजेल अंधपाल, हिरा निपजेल अंधपाल, भक्ति रो बाग़ लगावो।। काया माइली जमीन जगावो, ओम सोम...
Read moreDetailsपूजा रा फल भाल, भोली म्हारी आत्मा रे, ईश्वर पूजा रा फल भाल।। कोई चाले हाथी घोड़े, कोई ऊँटे सवार,...
Read moreDetailsविनो वाजे रे सांवरिया थारा नाम रो रे, श्लोक - प्रेम बिना पावे नही, चाहे हुनर करो थी हजार। कहे...
Read moreDetailsहे बांके बिहारी लाल, म्हने थारी याद सतावे है, हूचक्या ना रुके गोपाल, हूचक्या ना रुके गोपाल, काळजो भर भर...
Read moreDetailsधारा नगर वाले चौवटे, राजा हरिचन्द्र मांडी हाट हाटो वाला। श्लोक:- सतरी सौरभ छाएगी, तीन लोक रे माये, पारख हरिचन्द्र...
Read moreDetailsगुरुसा मारो अबकोडो जन्म सुधारो, श्लोक:- सतगुरु दीवो नाम रो, तो क्या जाने संसार । घिरत सिचावो प्रेम रो, वीरा...
Read moreDetailsखेतेश्वर को जपले प्राणी, मैं समझावु घडी घडी।। श्लोक - खेतेश्वर थाने विनती, दिन में सौ-सौ बार, बालक जान दया...
Read moreDetailsनर रे नारण री देह बनाई, नुगरा कोई मत रेवना । श्लोक - नुगरा मनक तो मिलो मति, पापी मिलो...
Read moreDetailsआधु आधु पंथ निवन पथ मोटो, साधु संगत वाली करिया, विना भजन कुन तिरिया।। श्लोक - नीवन बड़ी संसार में,...
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