अनमोल सवैया व दोहा का संग्रह लिखित
अनमोल सवैया व दोहा, 1.कहे सन्त सगराम सुण ए, धन री धणीयाणी, सुकरत कर भज राम, धोय कर बहते पाणी।...
Read moreDetailsअनमोल सवैया व दोहा, 1.कहे सन्त सगराम सुण ए, धन री धणीयाणी, सुकरत कर भज राम, धोय कर बहते पाणी।...
Read moreDetailsजवानी में मुझे पाला, बुढ़ापे में निकाला है, भटकती मैं फिरूं दर दर, ना खाने को निवाला है, जवानी में...
Read moreDetailsसाधो भाई रत्न हाथ में आयो, प्रश्न - कौन तृण से तुच्छ, कौन सुमिरन से प्यारो, कौन दूध से स्वेत,...
Read moreDetailsथोड़ा थोड़ा हरि का, भजन करले। दोहा - पहलो नाम प्रमेश रो, जिण जगत रचियो जोय, नर मूर्ख समझे नहीं,...
Read moreDetailsथारी सोगन कानूडो बदमाश रे, मारो माखन खाबा में नीका दास रे।। थारी सोगन कानूड़ो यो बदलग्यो, मन माखन बेचती...
Read moreDetailsचेतावनी कुंडलियां संत सूरदास जी, चेतावनी कुंडलियां, बाबा हाबा मती करो, थोरे सिर पर आया धोल, दोय अवस्था बीत गी,...
Read moreDetailsदिला दो भीख दर्शन की, गुरू तेरा भिखारी हूँ, गुरू तेरा भिखारी हूँ, गुरू तेरा भिखारी हूँ, दिला दो भिख...
Read moreDetailsमन रे चेतन हो जा भाई, दोहा - मस्तक पर गुरू देव जी, हिरदे बिराजो राम, रामदास दोनू पका, सब...
Read moreDetailsभजन बिना रेग्यो रे नर, पशु के समान। दोहा - राम भेजो रे बंदवा, जब लख घट में प्राण, कबहुँ...
Read moreDetailsमत पूछो हाल हमारा, म्हारे लागा शब्द रा तीर, म्हारे लागा शब्द का तीर जी, म्हारे लागा शब्द का तीर।।...
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