धन धन होरी नगरी में दादा खेडा़ डूण्डे ठारया सै
धन धन होरी नगरी में, दादा खेडा़ डूण्डे ठारया सै, डूण्डे ठारया सै दादा खेडा़, डूण्डे ठारया सै।। श्रद्धा और...
Read moreDetailsधन धन होरी नगरी में, दादा खेडा़ डूण्डे ठारया सै, डूण्डे ठारया सै दादा खेडा़, डूण्डे ठारया सै।। श्रद्धा और...
Read moreDetailsशब्द तेरी सार, कोये कोये जाने, कोए कोए जाने जी, कोये कोये जाने।। जैसे दिए पे पतंगा, जलावे अपना अंगा,...
Read moreDetailsकोलेखां में अमीनाथ, तेरा कीतना सुन्दर डेरा सै, माया अपरम्पार तेरी, तू सबनै परचे देरया सै।। मैं तो बस इतना...
Read moreDetailsगुरूजी मने रंग लो न रंग में, दुःख चिंता में काया पड़ी, घणा होरया सूं तंग मैं।। ब्रह्मा विष्णु तुम्हीं...
Read moreDetailsभवन में आ जाओ गोगा जी, गोरख भी अलख जगा रे स।। नाथा की माया न्यारी, या जाणे थामने दूनिया...
Read moreDetailsश्री राम अयोध्या आए है, पैगाम खुशी का लाए है, कलयुग के वनवास को दे विश्राम, आन पधारे अपने घर...
Read moreDetailsछोटा सा योगी अलख जगावे, नगरी की गली-गली म्ह।। अलख निरंजन अलख निरंजन, दे दयो माई भिक्षा भोजन, न्यू आवाज...
Read moreDetailsनाथ मेरा धूणे प आवे है, किसा बरसे रंग बागड म।। तर्ज - नाथ का चिमटा बाजे री। सबके मन...
Read moreDetailsमेरे गोरख धूणे आले हो, तेरे जग में खेल निराले हो, तने कद का रहा पुकार गोरख जी, आज्या न...
Read moreDetailsबाबा जी तेरे भगवे अन्दर, इसा कौण सा लाग्या सैन्ट, जो भी तेरे दर पै आवै, भगत बणै तेरा परमानैन्ट।।...
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