पर्वत से उतर कर माँ मेरे घर आ जाना भजन लिरिक्स
पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा, मेरा मान बढ़ा जाना।। तर्ज - बाबुल...
Read moreDetailsपर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा, मेरा मान बढ़ा जाना।। तर्ज - बाबुल...
Read moreDetailsमर कर भी है अमर, जो दीवाने है श्याम के। तर्ज - उनसे मिली नज़र। दोहा - यहाँ जो हर...
Read moreDetailsबिगड़ी बनाना जिसका काम है, वो मेरा खाटू वाला श्याम है।। तर्ज - साजन मेरा उस पार। हारे का साथ...
Read moreDetailsओ बाबा इतना बता अब मैं जाऊं कहाँ, जो ना मिला था कहीं वो मिला है यहाँ।। तर्ज - हे...
Read moreDetailsखाटू में मेरा सेठ सांवरा रहता है, सेठ के दर पे रोज खजाना बंटता है, पल भर में बनते है...
Read moreDetailsमैया स्वरदायिनी स्वर साज सजाने आजा, आज इस लाल की मां लाज बचाने आजा, आज इस लाल की मां लाज...
Read moreDetailsमुझ जैसे पापी पे तेरी नज़र है, तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है, मैं हूँ नालायक फिर भी मेहर...
Read moreDetailsप्रभु के भजन में है कैसी शरम, मिला देगा प्रभु से ये, मिला देगा प्रभु से ये, प्रभु का भजन,...
Read moreDetailsतू शक्ति है तू ज्वाला है, मेरी बिगड़ी बनाने आ, तुझे ही याद करता हूँ, तुझे ही याद करता हूँ,...
Read moreDetailsसावल सावल मोरा पिया, जब तक ना देखूं ना लागे जिया, छवि दिखला के पागल किया, जब तक ना देखूं...
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