जय बजरंगबली स्वामी जय बजरंगबली आरती लिरिक्स
जय बजरंगबली, स्वामी जय बजरंगबली, जब ली शरण तुम्हारी, जब ली शरण तुम्हारी, तब सब विपत हरे, ॐ जय बजरंगबली।।...
Read moreDetailsजय बजरंगबली, स्वामी जय बजरंगबली, जब ली शरण तुम्हारी, जब ली शरण तुम्हारी, तब सब विपत हरे, ॐ जय बजरंगबली।।...
Read moreDetailsअम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब, उतारे तेरी...
Read moreDetailsआशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगम्बरा।। निर्विकार ओमकार अविनाशी, तुम्ही देवाधि देव, जगत...
Read moreDetailsसिद्ध कुंजिका स्तोत्र, ।शिव उवाच। शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥१॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्।...
Read moreDetailsमन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती, होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती, रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती, आरती...
Read moreDetailsमैं तो आरती उतारूँ रे, श्री राधा रसिक बिहारी की, मेरे प्यारे निकुंज बिहारी की, प्यारे प्यारे श्री बाँके बिहारी...
Read moreDetailsजय जय पितर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी, शरण पड़यो हूँ थारी देवा, रखियो लाज हमारी, जय जय...
Read moreDetailsजय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते, हरि हिय कमल विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते, जय भगवत गीते।। कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि, कामासक्तिहरा, तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म...
Read moreDetailsशिवमहिम्नः स्तोत्रं, गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्, उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्। श्री पुष्पदन्त उवाच -- महिम्नः पारं...
Read moreDetailsमैं आरती तेरी गाऊं, ओ अम्बे मात भवानी, मैं नित नित शीश नवाऊं, ओ दुर्गे माँ महारानी।। तर्ज - मैं...
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