भाया सुन लो मारी बात,
चाला मंडफिया नगरी माय,
मारा सांवरिया रो काम,
भाया गणो जोरदार,
अरे रोता ने राजी करदे,
मारो मंडफिया सरकार,
भाया मानो मारी बात,
चालो मंडफिया नगरी माय।।
बैठो यो सेठा को सेठ,
पल मे दुखड़ा देवे मेट,
भाया चालो मारी लार,
चाला मंडपिया नगरी थेट,
भाया चालो मारी लार,
चाला सेठ सांवरा रे धाम,
अरे मारी साँवरियों सरकार,
सबने राजी करदे आज।।
अरे मारो साँवरियों सरकार,
बैठो यो करके सीणघार,
अरे फुलाऊ सजियोडो सजियोडो,
मारो सेठ साँवरों आज,
आवे मंदरिया सु पेली भाया,
रोडवेज की वास।।
ओ बैठा निज मंदरिया माय,
राधा रुक्मण थाकि लार,
थोड़ी पलका खोलो,
मुंडे बोलो सांवरिया सरकार,
ओ थाके चरणा आया,
धोकण साथे संग सारो परिवार।।
अरे भाया नाचो दे दे ताल,
ये तो मधुरा बाजे ढोल,
भाया मस्ती मयने जुमो,
मारा सांवरिया की पोल।।
अरे सेठ के भरिया हे भंडार,
टोटा कोने होवे भई,
अरे सबकी भावना ने समजे,
मारो सेठजी रगुराई,
भाया सुन लो मारी बात,
चाला मंडफिया नगरी माय।।
भाया सुन लो मारी बात,
चाला मंडफिया नगरी माय,
मारा सांवरिया रो काम,
भाया गणो जोरदार,
अरे रोता ने राजी करदे,
मारो मंडफिया सरकार,
भाया मानो मारी बात,
चालो मंडफिया नगरी माय।।
गायक – राजू रावल।
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560