भक्ति का भंडार,
सीताराम का पुजारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है।।
तर्ज – एक तेरा साथ।
ज्ञान का सागर,
बुद्धि में है आगर,
महाबल वीर है,
जो करे वंदन,
पल में कटे बंधन,
जगे तकदीर है,
कालो का है काल,
कालो का है काल,
पवन से चलने में अगारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है,
भक्ति का भण्डार,
सीताराम का पुजारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है।bd।
लांघ कर सागर,
लंका में जब जाकर,
भरी हुंकार है,
जार दी लंका,
पल में बजा डंका,
दशानन द्वार है,
अमर रहो हनुमान,
अमर रहो हनुमान,
तुमने विपदा मेरी टारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है,
भक्ति का भण्डार,
सीताराम का पुजारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है।bd।
देख लो दर्जा,
इस भक्त का कर्जा,
चढ़ा रघुनाथ पे,
औषधि खातिर,
भारी वो द्रोणागिर,
उठाया हाथ पे,
ऋणी तेरा हूँ तात,
ऋणी तेरा हूँ तात,
ऐसे बोले अवध बिहारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है,
भक्ति का भण्डार,
सीताराम का पुजारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है।bd।
ले शरण अपनी,
कर दे कृपा इतनी,
दया का दान कर,
रहने दे पागल को,
दर पे पड़ा भगवन,
भिखारी जानकर,
तारे अधम हजार,
तारे अधम हजार,
बाबा आज ‘किशन’ की बारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है,
भक्ति का भण्डार,
सीताराम का पुजारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है।bd।
भक्ति का भंडार,
सीताराम का पुजारी है,
यह शिव शंकर अवतारी है।।
गायिका – दीदी श्री सुरभि चतुर्वेदी जी।
प्रेषक – शेखर चौधरी।
मो – 9754032472