बन्दे अब छोड़ दे हरबड़ी श्याम भजले घड़ी दो घड़ी लिरिक्स

बन्दे अब छोड़ दे हरबड़ी श्याम भजले घड़ी दो घड़ी लिरिक्स
कृष्ण भजनफिल्मी तर्ज भजनशुभम रूपम भजन

बन्दे अब छोड़ दे हरबड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
जीत जाएगा तू हर कदम पर,
इसकी नजरे जो तुझपे पड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
बन्दें अब छोड़ दे हरबड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी।।

तर्ज – जिंदगी की ना टूटे।



झूठी दुनिया से रिश्ता है क्या,

हँसतो को रुलाती है,
उस वक़्त हमें बाबा,
तेरी याद सताती है,
दुनिया वालो की किसको पड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
बन्दें अब छोड़ दे हरबड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी।।



तेरे भजनो को गा ना सके,

ऐसी वाणी का क्या फायदा,
तालियां जो बजा ना सके,
ऐसे हाथो का क्या फायदा,
दिल वाले से कर दिल्लगी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
बन्दें अब छोड़ दे हरबड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी।।



श्याम भक्तो को अपना बना,

इनके प्यारो को दिल की बता,
चाहे अपने भी मुँह मोड़ ले,
श्याम प्रेमी मिलेगा खड़ा,
‘शुभम रूपम’ करे बंदगी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
बन्दें अब छोड़ दे हरबड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी।।



बन्दे अब छोड़ दे हरबड़ी,

श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
जीत जाएगा तू हर कदम पर,
इसकी नजरे जो तुझपे पड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी,
बन्दें अब छोड़ दे हरबड़ी,
श्याम भजले घड़ी दो घड़ी।।

स्वर – शुभम रूपम।


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