बालाजी तनै सारे ला दिये ठाठ,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे।।
तर्ज – गाड्डी धीरे धीरे चाल।
लोग करैं थे हांसी ठट्ठा,
दो डेरी एक चीमनी भट्ठा,
बाला जी म्हारे घर के कईं प्लाट,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे।।
जब पर्चा मनै दर्ज कराया,
तनै सेठां म नाम लिखाया,
बाला जी आज नहीं किसे तै घाट,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे।।
धन माया देयी बे अन्दाजी,
सभ तरीयां तनै कर दिये राजी,
बाला जी उठया काम का झर्राहट,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे।।
सतनैरण दबया शयान के नीचै,
क्यौं मूठी आजाद की भीचै,
बाला जी करै राधे श्याम,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे।।
बालाजी तनै सारे ला दिये ठाठ,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे,
शयान तेरा कयूकर तारैंगे।।
गायक – सत्यनारायण शर्मा सिरसल वाले।
लेखक – आजाद बुढाखेड़ा वाले।
प्रेषक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लणीया।
9996800660








