चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है,
बड़े दिनों के बाद,
मेरे श्याम धणी को आज,
भगत की याद सताई है,
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है।।
फागुण महीना आन चला है,
श्याम का ये सन्देश मिला है,
दूर देश में रहने वाले,
श्याम धणी के ओ मतवाले,
नींद से उठ अब जाग जरा तू,
सोया है क्यूँ आज भला तू,
मोह माया में फूल गया क्या,
वादा किया वो भूल गया क्या,
फिर आऊँगा दर आऊँगा,
दर्श तुम्हारा मैं पाऊँगा,
चिठ्ठी आई है,
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है।।
खूब सजी खाटू की गलियाँ,
महक रही बागों में कलियाँ,
छाई है फागुन की मस्ती,
गाँव गाँव और बस्ती बस्ती ,
भगतों के टोले है आते,
आकर के सब धूम मचाते,
सब आये पर तू नहीं आया,
कैसे मुझको भूल तू पाया,
लेकिन मैं ना भुला तुझको,
याद सताये तेरी मुझको,
रंग अबीर उड़े दिन राति,
तेरा आना रह गया बाकी,
चिठ्ठी आई है,
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है।।
सबसे पहले तू ही आया,
इक इक करके सबको लाया,
बंद किया क्यूँ तूने आना,
समझ लिया मुझको बेगाना,
याद है तेरा दर पे आना,
मीठे मीठे भजन सुनना,
तू नहीं आया तेरा क्या है,
लेकिन मेरा हाल बुरा है,
भगतों की कोई कमी नही है,
तेरी सूरत मन में बसी है,
जैसी तूने प्रीत दिखाई,
दिल से वो जाती नहीं भुलाई,
‘हर्ष’ बुलाऊँ दौड़ के आजा,
सारे बन्धन तोड़ के आजा,
आजा अखियाँ तरस रही है,
तेरे खातिर बरस रही है,
चिठ्ठी आई है,
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है।।
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है,
बड़े दिनों के बाद,
मेरे श्याम धणी को आज,
भगत की याद सताई है,
चिठ्ठी आई है आई है,
चिठ्ठी आई है।।
Singer – Mukesh Bagda Ji