बचपन से सुना हमने,
मालिक तू हमारा है,
घर पे आई मुसीबत तो,
दिया तूने सहारा है,
बचपन से सुना हमनें,
मालिक तू हमारा है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा है।
लोरियों की जगह हम श्याम,
तेरे भजनो को सुनते थे,
सुनकर तेरे पर्चो को,
सपने यही बुनते थे,
हम को भी उबारोगे,
जैसे सबको उबारा है,
घर पे आई मुसीबत तो,
दिया तूने सहारा है,
बचपन से सुना हमनें,
मालिक तू हमारा है।।
तूफान जो नही आता,
हम खुद ही संभल जाते,
हारे के सहारे हो,
कैसे हम समझ पाते,
डोली जब नाँव मेरी,
बन के आया किनारा है,
घर पे आई मुसीबत तो,
दिया तूने सहारा है,
बचपन से सुना हमनें,
मालिक तू हमारा है।।
तुम हो या नही ये भी,
कहते हुए देखा है,
तुम्हे भक्तो की आँखों से,
बहते हुए देखा है,
जीत बनकर के आया तू,
जब भी ‘राज’ हारा है,
घर पे आई मुसीबत तो,
दिया तूने सहारा है,
बचपन से सुना हमनें,
मालिक तू हमारा है।।
बचपन से सुना हमने,
मालिक तू हमारा है,
घर पे आई मुसीबत तो,
दिया तूने सहारा है,
बचपन से सुना हमनें,
मालिक तू हमारा है।।
Singer : Raj Pareek








Good
Bhaut achha hai bar bar sunne ka mnn karta hai
Sach mein bahut hi acha hai