हरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो लिरिक्स
हरे घास री रोटी ही, जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो, नन्हो सो अमर्यो चीख पड्यो, राणा रो सोयो दुख जाग्यो।।...
हरे घास री रोटी ही, जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो, नन्हो सो अमर्यो चीख पड्यो, राणा रो सोयो दुख जाग्यो।।...
मेरे बाबा ज्योत पे आजा, चाहे आज्या बाबा खड़ा खड़ा, चाहे आज्या बाबा खड़ा खड़ा।। भक्तां ने ज्योत जगाई, भक्तां...
हवा गगन में घूम रही, मेरे बाबा की, मेरे बाबा की, मेरे लाला की, हवा गगन मे घूम रही, मेरे...
गुरु बिना घोर अँधेरा रे संतो, जैसे मंदिर दीपक बिना सूना, नही वस्तु का बेरा, गुरु बिना घोर अँधेरा रे...
तेरे दरबार की महिमा, बड़ी निराली है, तू तो दाती है दयालु है, झंडे वाली है, तेरे दरबार की महिमा,...
कहाँ रखोगे बाबा, हारो की अंसुवन धार, तेरा श्याम कुण्ड भी छोटा, पड़ जायेगा सरकार, कहां रखोगे बाबा, हारो की...
मैं हूँ तेरा नौकर बाबा, नौकरी रोज बजाता हूँ। श्लोक - इतना दिया मेरे बाबा ने मुझे, जितनी मेरी औकात...
ओ बेटा शरवण पाणीड़ो पिलाय, वन में बेटा प्यास लगी। दोहा - बेटा तो आगे भया, कलयुग बीच अनेक, श्रवण...
पहला थारी ममता ने मारो, पछे मोयला ने मारो कुँआ पर, आसन जोगी वालो।। पानी किस विध जऊ रे मै...
कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए, एक तेरी दया दयावान चाहिए, कुछ नहीं करुणानिधान चाहिए।। तर्ज - अच्छा सिला दिया तूने। दुनिया...
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