पंख फसा के पछिताई रे माखी यूँ लोभ में
पंख फसा के पछिताई रे, माखी यूँ लोभ में, सिर धुन धुन कर पछिताई रे।। तर्ज - पंख होते उड़...
पंख फसा के पछिताई रे, माखी यूँ लोभ में, सिर धुन धुन कर पछिताई रे।। तर्ज - पंख होते उड़...
माटी के पुतले रे, तेरा अपना यहाँ नहीं कोय, तेरा अपना यहाँ नहीं कोय, सतगुरु ने कितना समझाया, अब काहे...
हर पल आठो याम, हरि नाम भजो, हरदम सुबहो शाम, हरि नाम भजो, हर पल आठों याम, हरि नाम भजो।।...
हरि भजने पे तन ये पाओगे, बचना चाहे तो बचले रे प्राणी, वर्ना चौरासी में तो जाओगे, हरि भजने पे...
खो दिया हीरा रे, प्राणी तूने बैकार मे, खो दिया हीरा रे।। तर्ज - झुमका गिरा रे। भेजा था गुरू...
अरे प्राणिऐ तूने, कहना गुरू का न माना, पड़े पछिताना तुझे पड़े पछिताना, अरे प्राणिऐ तुने, कहना गुरू का न...
तू ले ले रे जो भी लेना है, दुनिया का खुला बाजार है ये, हर चीज मिलेगी तुझको यहाँ, दो...
तुझे गुरू कितना समझाए, पर तेरी समझ न आए, गुरू बार बार समझाऐ, तेरी दो दिन की यह जिँदगी, बातो...
साधन पे कभी न, तू मन किया गौर, गुरू बिन नही पाएगा मनवा, तू जग में ठौर।। तर्ज - सावन...
मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे, लाड़ली श्री राधे, किशोरी श्री राधे, मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे।।...
© 2024 Bhajan Diary