शिव शंकर तुम कैलाशपति है शीश पे गंग विराज रही भजन लिरिक्स
शिव शंकर तुम कैलाशपति, है शीश पे गंग विराज रही, शिव शंकर तुम कैलाश-पति, है शीश पे गंग विराज रही।।...
शिव शंकर तुम कैलाशपति, है शीश पे गंग विराज रही, शिव शंकर तुम कैलाश-पति, है शीश पे गंग विराज रही।।...
मजधार में है नैया, राहें अंजानी है, मेरे बाबा सुन लो मेरी, ये नाव पुरानी है, मजधार में हैं नैया,...
होठों पे सच्चाई रहती है, जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश...
मारा सतगरू किरपा कीनी रे, मने जड़ी रे भजन वाली दिनी, सुतोड़ी सुरता जागी रेऐ, वा जाग भजन मे लागी,...
म्हारे घर आया संत मेहमान, म्हारे घर आया संत मिजमान, आत्मा तो बहुत ठरी, म्हारे घर आया संत भगवान, आत्मा...
मोड़ो घणो आयो रे सांवलिया, थे मारी लाज गवाई रे, लाज गवाई रे, सोवला लाज गवाई, थे मोङो आयो रे...
प्यारो घणो लागे जी नारायण, थांको मालासेरी दरबार।। मंदिरिया के आजु बाजू, सरोवर भरिया हजार, ऊँची ऊँची लहरें चाले, ठण्डी...
तुम्हारा छोड़ कर द्वारा, ऐ साँई हम कहाँ जाऐँ, सिवा तेरे मेरा जग मे, नज़र दूजा नही आए।। तर्ज -...
शिव शंकर भोले कैलाशी, तेरे दरश को अखियां है प्यासी, शिव शंकर भोले कैलाशी।। तर्ज - कान्हा आन बसों वृन्दावन...
नमो नमो नमो नमो दलेर मेहंदी, श्लोक - सतसाँच श्री निवास, आद तू रख सदा तू ही, तू ही, तू...
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