पर्वत से उतर कर माँ मेरे घर आ जाना भजन लिरिक्स
पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा, मेरा मान बढ़ा जाना।। तर्ज - बाबुल...
पर्वत से उतर कर माँ, मेरे घर आ जाना, मैं भी भगत तेरा, मेरा मान बढ़ा जाना।। तर्ज - बाबुल...
काया रा नगर में रे, संतो सुरता कुवारी रह जासी, सुरता कुवारी रह जावे रे, इन सत्य पुरूष परणावो, काया...
नुगरा रे मुंडे राम नी आवे, केसर गुल गई गारा में, पापी रे मुखड़े राम नी आवे, केसर गुल गई...
पशु चाम रा बने पनेहा, नोपत मंडे नगाडा हा, नर थारी चाम काम नही आवे, नर थारी चाम काम नही...
कुछ दिन रह ले मेहंदीपुर में, छिक छिक कै लाडडू खाले, तनै ले जा हरियाणे आले।। सब तै ज्यादा भगत...
फूलों में सज रही है, मेरी मैया शेरो वाली, कटरा में रह रही जो, मेरी मैया वैष्णो रानी, फूलो में...
मर कर भी है अमर, जो दीवाने है श्याम के। तर्ज - उनसे मिली नज़र। दोहा - यहाँ जो हर...
है स्वर्ग से भी सुन्दर, दरबार तेरा मैया, भक्तों के मन को मोहे, भक्तों के मन को मोहे, दरबार तेरा...
बिगड़ी बनाना जिसका काम है, वो मेरा खाटू वाला श्याम है।। तर्ज - साजन मेरा उस पार। हारे का साथ...
सांवरे तू मेरा दिलदार है, सांवरे तू मेरा यार है, खाटू वाले के चरणों में, बसती है दुनिया सारी, दुनिया...
© 2016-2025 Bhajan Diary