अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ निजरो रे नेङा लिरिक्स

अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ निजरो रे नेङा लिरिक्स
राजस्थानी भजन

जोगन होय मैं जग ढूंढीओ,
जोगीड़ो नहीं लाधो जोय,
त्रिकुटी महल के गोखड़े,
सहज मिलापा होय,
अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ,
निजरो रे नेङा,
हा राम हरदम नेङा नेङा।।



दिल दरिया में जोवियों,

मोती लाधा है जोय,
ओय मोती हरि का हंस चुगत है,
घट उजवाला होय,
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ,
निजरो रे नेङा,
हा राम हरदम नेङा नेङा।।



जव जितरो हरि देवरों,

तिल जितरो परियाण,
उन देवलियो को देवता,
आत्म को आधार,
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ,
निजरो रे नेङा,
हा राम हरदम नेङा नेङा।।



शिखर चढ़े हरि ने जोवियो,

चहुदिस भयो उज्वाल,
सधर धज्या दिखे श्याम की,
परसे हरि का लाल,
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ,
निजरो रे नेङा,
हा राम हरदम नेङा नेङा।।



भय भागा निर्भय हुआ,

पूरी मोहिले री आश,
बादली बरसी हरि प्रेम की,
भीगे भीगे रायमल दास,
अखियाँ रे आगे रेवो दिनों रा नाथ,
निजरो रे नेङा,
हा राम हरदम नेङा नेङा।।



जोगन होय मैं जग ढूंढीओ,

जोगीड़ो नहीं लाधो जोय,
त्रिकुटी महल के गोखड़े,
सहज मिलापा होय,
अखियां रे आगे रेवो दिनों रा नाथ,
निजरो रे नेङा,
हा राम हरदम नेङा नेङा।।

Singer – Kheraj Ram & Leela Ram Boss
Upload By – Vikram Barmeri
8302031687


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