आंसुओं से है भीगा दामन मेरा,
खुशियों के खजाने के,
मालिक हो तुम,
थोड़ी सी खुशी हमें दे दो तुम,
प्रभु सारे जमाने के,
मालिक हो तुम।।
एक बार जो तेरे दर आए,
उस भक्त की झोली भर जाए,
सांसों की तुम्हीं से सरगम है,
जीवन के तराने के मालिक हो तुम,
आँसुओ से है भीगा दामन मेरा,
खुशियों के खजाने के,
मालिक हो तुम।।
तुम अंबर हो मैं तारा हूं,
जैसा भी हूं दास तुम्हारा हूं,
मुझे भूखा रख या रोटी दे,
मैं पंछी हूं दाने के मालिक हो तुम,
आँसुओ से है भीगा दामन मेरा,
खुशियों के खजाने के,
मालिक हो तुम।।
आंसुओं से है भीगा दामन मेरा,
खुशियों के खजाने के,
मालिक हो तुम,
थोड़ी सी खुशी हमें दे दो तुम,
प्रभु सारे जमाने के,
मालिक हो तुम।।
स्वर – श्री प्रेमभूषण जी महाराज।
प्रेषक – ओमप्रकाश पांचाल उज्जैन मध्य प्रदेश।
9926652202








