आइये आइये हो बालाजी,
एक बार घाटे की तीन पहाड़ी प।।
तेरे नाम की खटक लगी मैं,
मेंहदीपुर में आया,
नहा धो क न पढुँ चालिसा,
सच्चा ध्यान लगाया।
तेरा प्यारा सा सजया दरबार,
घाटे की तीन पहाड़ी प,
आइये आइये हों बालाजी,
एक बार घाटे की तीन पहाड़ी प।।
तेरी मस्ती में पागल हो गया,
राम ही राम पुकारूं मैं,
तेरे बिना कोए साहरा कोनया,
धरती में सिर मारूं,
मैं तन्नै कद का रहया हो पुकार,
घाटे की तीन पहाड़ी प,
आइये आइये हों बालाजी,
एक बार घाटे की तीन पहाड़ी प।।
सवामणी मन्नै तेरी लाई,
घाटे आले बाला जी,
चौबीस घंटे राम पुकारूं,
ले तलसी की माला जी,
तेरा रस्ता हो रहया हुँ निहार,
घाटे की तीन पहाड़ी प,
आइये आइये हों बालाजी,
एक बार घाटे की तीन पहाड़ी प।।
तेरे नाम का जगराता हो,
कौशिक मन्नै बुलाया हो,
अशोक भक्त तन्नै बालाजी,
चरणां का दास बणाया हो,
तेरा सेवक बैठया हो ,
घाटे की तीन पहाड़ी प,
आइये आइये हों बालाजी,
एक बार घाटे की तीन पहाड़ी प।।
आइये आइये हो बालाजी,
एक बार घाटे की तीन पहाड़ी प।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )
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