आईजी बिठुडा पिरान में,
बनीयो देवरो,
जटे सिद्धि शक्तिपीठ,
कहीजे महान,
बिराजे आई माताजी,
आईजी कलजुग में,
थोरो ही आधार,
भगता री सुनलो विनती,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
आईजी सुमेरपुर,
पाली जिला मायने,
मैया बैठा बैठा,
बिठुड़ा पिरान रे माय,
दर्शन थे करलो आयने,
मैया अखंड ज्योता,
जागे थारे धाम,
दर्शन थे करलो आयने,
वटे केसर बरसे,
अखंड ज्योति रे माय,
दर्शन थे करलो आयने,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
आईजी सत री,
आ गादी कहीजे आपरी,
माताजी सफेद गादी,
सिद्धि रो प्रमाण,
पीर दिवान करे चाकरी,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
परचा रो नही पार,
पीड़ा तो हरे भगतो री,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
आईजी भादवा री बीज,
आवे चांदनी,
जटे आवे आवे,
लाखो नर नार,
दर्शन ने आवे जातरी,
चढे मेवा ने मिठाई,
वालो भोग ए,
नित री होवे आरती,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
आईजी छेडाबंधी,
जात लागे आपरी,
भगत साचे मन सु,
ध्यावे आई मात,
भगतो रो हेलो सुनो तो खरी,
मैया सीरवी जपे ओ थोरो नाम,
सीरवीयो पे मैया कृपा करी,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
आईजी *गोपाल सिंह जी*,
करे थोरी सेवना,
मैया पीर दिवान,
करे थोरी सेवना,
मैया वर्तमान,
बिठुडा पिरान रे माय,
हरदम भगतो रे,
हाजिर रेवना,
आईजी *नरेश सीरवी*,
चरना रे माय,
बालक री सुनजो विनती,
मैया *मनीष सीरवी*,
थारो है मां दास,
*जोगाराम* गावे किरती,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
आईजी बिठुडा पिरान में,
बनीयो देवरो,
जटे सिद्धि शक्तिपीठ,
कहीजे महान,
बिराजे आई माताजी,
आईजी कलजुग में,
थोरो ही आधार,
भगता री सुनलो विनती,
आईजी बिठुड़ा पिरान में,
बनीयो देवरो।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत।
हाथीतला बाड़मेर।
लेखक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।








