आग्यो राखी को त्यौहार,
जावुली म्हारा पिहर में,
जाऊली म्हारी पिहर में,
जावुली म्हारा पीर में।।
आ राखी म्हारे माँ के बांधुली,
जो जन्म दियो म्हारी माय,
जावुली म्हारा पीर में।।
आ राखी म्हारे पिता के बांधुली,
जो चलबो सिखाया म्हारो बाप,
जावुली म्हारा पीर में।।
आ राखी मेरे भाई के बांधुली,
जो चुन्दड़ी ओडाई आज,
जावुली म्हारा पीर में।।
आ राखी म्हारे भाभी के बांधूली,
जो लाड लडावै भाभी आज,
जावुली म्हारा पीर में।।
ओ त्यौहार सबसे बड़ो है,
इन में बहन भाई को प्यार,
जावुली म्हारा पीर में।।
राखी वालो गीत मनोहर गावै,
बहनण जावो पिहर में आज,
जोवे भाई बातड़ली।।
आग्यो राखी को त्यौहार,
जावुली म्हारा पिहर में,
जाऊली म्हारी पिहर में,
जावुली म्हारा पीर में।।
गायक – मनोहर परसोया।