उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे।।
तर्ज – साथिया नही जाना की जी ना लगे
सुनले लक्ष्मण भैया, 
रोएगी मेरी मैया,
चला आ आ रे…
मुखड़ा दिखलाऊंगा केसे,
मुखड़ा दिखलाऊंगा केसे, 
जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे।।
सुन मेरे बजरंगी, 
अब तू ही मेरा संगी,
चला आ आ रे…
ला कर दे संजीवन बूटी,
ला कर दे संजीवन बूटी, 
जी ना लगे
लखनवा नही जाना की जी ना लगे।।
संजीवन बूटी लाई, 
लक्ष्मण को घोल पिलाई,
चला आ आ रे…
गले मिल गये दोनो भैया,
गले मिल गये दोनो भैया, 
जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे।।
भक्त मंडल ने गाइ, 
तेरी महिमा बर्नी ना जाये,
चला आ आ रे…
भव सागर मे नैया डोले,
भव सागर मे नैया डोले, 
जी ना लगे
लखनवा नही जाना की जी ना लगे।।
उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे।।
 
			







 
 
अप्रतिम भजन